Page 184 - BEATS Secondary School
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कहािी
            कहािी
            स्क ू ल का िो ददि               स्क ू ल का िो ददि
            कहािी
            मेघा समसरा, कक्षा 8
            स्क ू ल का िो ददि
                                            मेघा समसरा, कक्षा 8
            मेघा समसरा, कक्षा 8
            मैं स्क ू ल ज  रही थी। मेरे स्क ू ल के  आसप स बहत स री धूल-शमट्िी उड़ती रहती है। ऐस  इसशलए है क्योंकक
                                                         ु


            मेर  स्क ू ल सड़क के  ककन रे बन  हआ है। स्क ू ल के  एक तरफ सड़क है तो दूसरी ओर रांग-बबरांगी इम रतें हैं।
                                            ु
            मैं स्क ू ल ज  रही थी। मेरे स्क ू ल के  आसप स बहत स री धूल-शमट्िी उड़ती रहती है। ऐस  इसशलए है क्योंकक
                                                         ु
                                            ुमैं स्क ू ल ज  रही थी। मेरे स्क ू ल के  आसप स बहत स री धूल-शमट्िी उड़ती रहती है। ऐस  इसशलए है क्योंकक
            मैं बस में अपनी सहेली के  स थ ब त कर रही थी। हम दोनों आज की टरप के  ब रे में ब त कर रहे थे। हमें       ु
            मेर  स्क ू ल सड़क के  ककन रे बन  हआ है। स्क ू ल के  एक तरफ सड़क है तो दूसरी ओर रांग-बबरांगी इम रतें हैं।
            बहत ऊाँ चे स्वर में ब त करन  पड़ रह  थ  क्योंकक ब हर ग डड़यों क  बहत शोर थ । हम बस से ननकल ही
                                                                             ु
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            मैं बस में अपनी सहेली के  स थ ब त कर रही थी। हम दोनों आज की टरप के  ब रे में ब त कर रहे थे। हमें
                                            मेर  स्क ू ल सड़क के  ककन रे बन  हआ है। स्क ू ल के  एक तरफ सड़क है तो दूसरी ओर रांग-बबरांगी इम रतें हैं।
                                                                                               ु
            रहे थे कक मैंने एक नए बच्चे को देख । बच्चे के  प स थोड़े से बड़े कपड़े थे और इसकी वजह से वह छोि
            बहत ऊाँ चे स्वर में ब त करन  पड़ रह  थ  क्योंकक ब हर ग डड़यों क  बहत शोर थ । हम बस से ननकल ही
                                                                             ु
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            लग रह  थ । पर जब हम बस के  ब हर ननकले तो वह बड़  लगने लग । मैंने ध्य न टदय  कक बहत लोग
                                            मैं बस में अपनी सहेली के  स थ ब त कर रही थी। हम दोनों आज की टरप के  ब रे में ब त कर रहे थे। हमें
            रहे थे कक मैंने एक नए बच्चे को देख । बच्चे के  प स थोड़े से बड़े कपड़े थे और इसकी वजह से वह छोि
                                                                                                     ु
            उसके  ब रे में ब त कर रहे थे और उसे घूर-घूरकर देख रहे थे।                                ु
            लग रह  थ । पर जब हम बस के  ब हर ननकले तो वह बड़  लगने लग । मैंने ध्य न टदय  कक बहत लोग
                                            बहत ऊाँ चे स्वर में ब त करन  पड़ रह  थ  क्योंकक ब हर ग डड़यों क  बहत शोर थ । हम बस से ननकल ही
                                                ु
            जब मैं अपनी कक्ष  में पहाँची तो मैंने उसी लड़के  को अपनी कक्ष  में प य । वह हम सबमें सबसे बड़  लग                                       ु
                                    ु
            उसके  ब रे में ब त कर रहे थे और उसे घूर-घूरकर देख रहे थे।
            रह  थ । वह थोड़  उद स टदख रह  थ । मैं अपने दोस्तों के  स थ बैठने ज  रही थी कक तभी मुझे एक अच्छी
            जब मैं अपनी कक्ष  में पहाँची तो मैंने उसी लड़के  को अपनी कक्ष  में प य । वह हम सबमें सबसे बड़  लग
                                    ु
                                            रहे थे कक मैंने एक नए बच्चे को देख । बच्चे के  प स थोड़े से बड़े कपड़े थे और इसकी वजह से वह छोि
            खुशबू की सुगांध आई। मेरी दोस्त तमन्न  आज अपनी जेब में सैननि इजर लेकर आई थी। मेर  दोस्त उसके
            रह  थ । वह थोड़  उद स टदख रह  थ । मैं अपने दोस्तों के  स थ बैठने ज  रही थी कक तभी मुझे एक अच्छी
                                            लग रह  थ । पर जब हम बस के  ब हर ननकले तो वह बड़  लगने लग । मैंने ध्य न टदय  कक बहत लोग
            प स घुिनों पर बैठ  उससे म ांग रह  थ  पर उसने उसकी एक न सुनी।                                                                                                                  ु
            खुशबू की सुगांध आई। मेरी दोस्त तमन्न  आज अपनी जेब में सैननि इजर लेकर आई थी। मेर  दोस्त उसके
            वह मुझे देखकर मुस्क ु र ने लगी और मुझे अपने ह थ पर सैननि इजर टदय । वह मेरे ह थ में प नी की तरह
            प स घुिनों पर बैठ  उससे म ांग रह  थ  पर उसने उसकी एक न सुनी।
                                            उसके  ब रे में ब त कर रहे थे और उसे घूर-घूरकर देख रहे थे।
            लग रह  थ  पर बहत-बहत चमकील  थ । जब तक मैं बैठी, कक्ष  में नए लड़के  ने अपन  न म और पररचय
            वह मुझे देखकर मुस्क ु र ने लगी और मुझे अपने ह थ पर सैननि इजर टदय । वह मेरे ह थ में प नी की तरह
                                   ु
                              ु
            दे टदय  थ । मैंने अपनी दोस्त से पूछ  और उसने बत य  कक नए लड़के  क  न म अजुफन है। मैंने उसे पहली
                                            जब मैं अपनी कक्ष  में पहाँची तो मैंने उसी लड़के  को अपनी कक्ष  में प य । वह हम सबमें सबसे बड़  लग
            लग रह  थ  पर बहत-बहत चमकील  थ । जब तक मैं बैठी, कक्ष  में नए लड़के  ने अपन  न म और पररचय
                                   ु
                              ु
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            ब र स मने देख  थ । वह एक पवदेशी है थ  इसीशलए सब लोग उसे घूर-घूर कर देख रहे थे।
            दे टदय  थ । मैंने अपनी दोस्त से पूछ  और उसने बत य  कक नए लड़के  क  न म अजुफन है। मैंने उसे पहली
                                            रह  थ । वह थोड़  उद स टदख रह  थ । मैं अपने दोस्तों के  स थ बैठने ज  रही थी कक तभी मुझे एक अच्छी
            हम री पहली कक्ष  क  समय हो चुक  थ  इसशलए हम सब अपनी अांग्रेजी कक्ष  के  शलए चले ज  रहे थे।
            ब र स मने देख  थ । वह एक पवदेशी है थ  इसीशलए सब लोग उसे घूर-घूर कर देख रहे थे।
            अजुफन भी हम रे पीछे-पीछे उस कक्ष  के  शलए आ रह  थ । एक कक्ष  से दूसरी, दूसरी से तीसरी, इस तरह
            हम री पहली कक्ष  क  समय हो चुक  थ  इसशलए हम सब अपनी अांग्रेजी कक्ष  के  शलए चले ज  रहे थे।
                                            खुशबू की सुगांध आई। मेरी दोस्त तमन्न  आज अपनी जेब में सैननि इजर लेकर आई थी। मेर  दोस्त उसके
            हम र  पूर  टदन स्क ू ल में ननकल गय  पर ककसी ने उससे कोई ब त नहीां की।
            अजुफन भी हम रे पीछे-पीछे उस कक्ष  के  शलए आ रह  थ । एक कक्ष  से दूसरी, दूसरी से तीसरी, इस तरह
                                            प स घुिनों पर बैठ  उससे
            हम र  पूर  टदन स्क ू ल में ननकल गय  पर ककसी ने उससे कोई ब त नहीां की। म ांग रह  थ  पर उसने उसकी एक न सुनी।

            अजुफन को देखकर मुझे समझ में नहीां आ रह  थ  कक कोई उससे क्यों ब त नहीां कर रह  है। जब मैंने अपने

                                            वह मुझे देखकर मुस्क ु र ने लगी और मुझे अपने ह थ पर सैननि इजर टदय । वह मेरे ह थ में प नी की तरह
            दोस्त आटदत्य से पूछ  तो मुझे पत  चल  कक यह उसकी त्वच  की वजह से थ । उसकी त्वच  लकड़ी के
            अजुफन को देखकर मुझे समझ में नहीां आ रह  थ  कक कोई उससे क्यों ब त नहीां कर रह  है। जब मैंने अपने
            जैसी टदख रही थी। पर मुझे कफर भी समझ नहीां आय  कक ककसी की त्वच  हमें उससे ब त न करने की
                                            लग रह  थ  पर बहत-बहत चमकील  थ । जब तक मैं बैठी, कक्ष  में नए लड़के  ने अपन  न म और पररचय
            दोस्त आटदत्य से पूछ  तो मुझे पत  चल  कक यह उसकी त्वच  की वजह से थ । उसकी त्वच  लकड़ी के
                                                                                 ु
                                                                         ु
            वजह कै से हो सकती है। धीरे-धीरे स्क ू ल की सभी कक्ष एाँ सम प्त होने लगीां। अब हम लोग घर ज ने ही व ले
            जैसी टदख रही थी। पर मुझे कफर भी समझ नहीां आय  कक ककसी की त्वच  हमें उससे ब त न करने की
                                            दे टदय  थ । मैंने अपनी दोस्त से पूछ  और उसने बत य  कक नए लड़के  क  न म अजुफन है। मैंने उसे पहली
            थे कक मैंने उसे अपन  पररचय टदय । वह मुस्क ु र य  और चल  गय । उसकी आाँखों में अभी भी उद सी झलक
            वजह कै से हो सकती है। धीरे-धीरे स्क ू ल की सभी कक्ष एाँ सम प्त होने लगीां। अब हम लोग घर ज ने ही व ले
            रही थी। अगले टदन वह हम री कक्ष  में रोते-रोते आय  थ । जब वह अपन  मुाँह धोने चल  गय  तब हम री
            थे कक मैंने उसे अपन  पररचय टदय । वह मुस्क ु र य  और चल  गय । उसकी आाँखों में अभी भी उद सी झलक
            अध्य पपक  ने हमें बत य  कक आज उसके  पपत  को पीि  गय  है। हममें से ककसी को वजह बत ने की कोई
                                            ब र स मने देख  थ । वह एक पवदेशी है थ  इसीशलए सब लोग उसे घूर-घूर कर देख रहे थे।
            अध्य पपक  ने हमें बत य  कक आज उसके  पपत  को पीि  गय  है। हममें से ककसी को वजह बत ने की कोई
            रही थी। अगले टदन वह हम री कक्ष  में रोते-रोते आय  थ । जब वह अपन  मुाँह धोने चल  गय  तब हम री
            जरूरत नहीां पड़ी थी। हम सबको पत  थ  कक यह सब उसकी त्वच  की वजह से थ ।
                                            हम री पहली कक्ष  क  समय हो चुक  थ  इसशलए हम सब अपनी अांग्रेजी कक्ष  के  शलए चले ज  रहे थे।
            जरूरत नहीां पड़ी थी। हम सबको पत  थ  कक यह सब उसकी त्वच  की वजह से थ ।

              मैं और मेरे दोस्त उसके  प स गए और उससे ब त करने लगे। हममें से कोई ज्य द  क ु छ नहीां बोल  पर ब द
                                            अजुफन भी हम रे पीछे-पीछे उस कक्ष  के  शलए आ रह  थ । एक कक्ष  से दूसरी, दूसरी से तीसरी, इस तरह
            मैं और मेरे दोस्त उसके  प स गए और उससे ब त करने लगे। हममें से कोई ज्य द  क ु छ नहीां बोल  पर ब द
            में हम सब धीरे-धीरे दोस्त बने। एक के  ब द एक स री कक्ष  के  बच्चे उसके  शमत्र बन गए। आज हम सभी
                                            हम र  पूर  टदन स्क ू ल में ननकल गय  पर ककसी ने उससे कोई ब त नहीां की।
            में हम सब धीरे-धीरे दोस्त बने। एक के  ब द एक स री कक्ष  के  बच्चे उसके  शमत्र बन गए। आज हम सभी
            एक दूसरे के  अच्छे दोस्त हैं और कोई ककसी को क ु छ बुर  नहीां बोलत । सब, एक दूसरे की सह यत  करते हैं
            एक दूसरे के  अच्छे दोस्त हैं और कोई ककसी को क ु छ बुर  नहीां बोलत । सब, एक दूसरे की सह यत  करते हैं
            और शमलजुलकर रहते हैं।

            और शमलजुलकर रहते हैं।


                                            अजुफन को देखकर मुझे समझ में नहीां आ रह  थ  कक कोई उससे क्यों ब त नहीां कर रह  है। जब मैंने अपने

                                            दोस्त आटदत्य से पूछ  तो मुझे पत  चल  कक यह उसकी त्वच  की वजह से थ । उसकी त्वच  लकड़ी के


                                            जैसी टदख रही थी। पर मुझे कफर भी समझ नहीां आय  कक ककसी की त्वच  हमें उससे ब त न करने की

                                            वजह कै से हो सकती है। धीरे-धीरे स्क ू ल की सभी कक्ष एाँ सम प्त होने लगीां। अब हम लोग घर ज ने ही व ले

                                            थे कक मैंने उसे अपन  पररचय टदय । वह मुस्क ु र य  और चल  गय । उसकी आाँखों में अभी भी उद सी झलक

                                            रही थी। अगले टदन वह हम री कक्ष  में रोते-रोते आय  थ । जब वह अपन  मुाँह धोने चल  गय  तब हम री
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