Page 80 - BEATS: Secondary School Edition 2020-21
P. 80

ु
               सप्रससद्ध गोंड िैली चचत्रकार सश्ी
                    ु

                     जापानी श्ाम का साक्ातकार













































          DPSI छात्र : सश्ी जापानी श्ाम आपका बहुत बहुत-बहुत  परेोंटिोंगस कय दखतरे और उनहों पसद करतरे थरे, उस प्यतसाहन सरे मुझरे और
                                                                                      ों
                                                                         रे
                                                                                   रे
                       ु
          िुक्रि्ा जो आप हमार इस का््यरिम में पधारीं। इतनी सन्दर  हौसला चमला इस काम कय करनरे का। इन  सब बातयों सरे मुझरे एक प्रेरणा
                                                          ु
                             े
                                                                                           ु
                                                                                                                  ै
                                                                                                         रे
                                      े
          तरीक से आपने  गोंड चचत्रकला क विष् में बता्ा।         चमलतरी गई, कक हाँ इस काम मरेों मुझरे कछ अलग सा करक टदखाना ह।
              े
                                                                                  ु
             सुश्री जापानरी श्ाम : धन्वाद।                      पपताजरी तय वैसरे भरी बहुत कछ कर गए। पपताजरी क काम कय सब लयगयों नरे
                                                                                                   रे
                                                                 रे
                                                                दखा, तय इस प्कार का माहौल हमरेों वहरीों सरे चमला। इस प्कार हम लयगयों
          गोंड चचत्रकला, पेंटिंग क ललए आपको प्रेरणा कहाँ से प्राप्त  नरे परेोंटिोंग  करना शुरू कर टद्ा। एक बार जय काम शुरु कक्ा टिर कभरी
                               े
          हुई?                                                  उस काम सरे बाहर नहरीों टनकलरे। हम लयग कभरी भरी इस काम सरे बाहर
             जरी, इस चित्रकला की प्रेरणा मुझरे मरेर पपता जरी सरे चमलरी। क्योंकक मरेर  टनकलना भरी नहरीों िाहतरे, वैसरे भरी क्यों टनकलरे। क्ा खराबरी ह इस काम
                                                                                                           ै
                                                             रे
                                       रे
                                    ै
          घर का माहौल हरी परेोंटिोंग वाला रहा ह इसललए पपताजरी हरी मरेरी प्रेरणा रह  मरेों, क्यों इस काम कय छयड़कर दूसरा काम करों?
                                                                                                रे
                                                             रे
          हों। मरेर पपताजरी  परेोंटिोंग का हरी काम करतरे थरे। मैोंनरे बिपन सरे  हरी परेोंटिोंग का
              रे
           ै
                 रे
                     ै
                                                                                                 ै
          माहौल दखा ह। पपताजरी अपनरी परेोंटिोंग बनानरे मरेों लगरे रहतरे थरे, जब हरी  मैं आपसे जानना चाहंगी टक आजकल कनिास पर पेंि करते
              रे
                                                      रे
          हमार घर कयई आता तय वह पपताजरी की परेोंटिोंग अवश् दखता था।  हैं जबटक गोंड चचत्रकला पहले  ्दीिारों पर की जाती थी।
                                 रे
                                रे
                        रे
                                    रे
                                                रे
                                                                                               कू
          पपताजरी की परेोंटिोंग कवल हमार दश क लयग हरी नहरीों दखनरे आतरे थरे बल्कि  आपको टकसमें अचधक सहजता महसस होती है? ्दीिारों पर
             रे
          पवदशरी लयग भरी पपताजरी की परेोंटिोंग दखनरे आतरे थरे हमार घर।   ्ा कनिास पर?
                                                 रे
                                    रे
                                                                    ै
             हम बाहर भरी जातरे थरे तय लयग हमारी परेोंटिोंग दखतरे थरे। ्रे जय माहौल   जरी दखख्रे, ्ह तय सहरी बात ह कक कनवास पर परेटिोंग करना बहुत
                                             रे
                                                                      रे
                                                                                             ै
                                                                                         ै
          चमला इस माहौल नरे हरी मुझरे प्रेररत कक्ा। टिर लयग लजस तरह उन  आसान काम हय ग्ा ह, लरेककन पहलरे जय दीवारयों मरेों काम हयतरे थरे उनमरेों
                                                                                 ै
          80
   75   76   77   78   79   80   81   82   83   84   85